Coin Burn : क्या होता है? Cryptocurrency में Coin Burn करने के उद्देश्य क्या है?
दोस्तों आज के समय यानी कि टेक्नोलॉजी के इस दौर में जो लोग Cryptocurrency में इन्वेस्ट करते हैं या उसके बारे में जानकारी रखते हैं उन्होंने कभी ना कभी Coin Burn के बारे में सुना ही होगा।
साथ ही जो लोग Crypto currency में इन्वेस्टमेंट को लेकर हर अपडेट्स रखते हैं, उन्हें इस बात की पूरी जानकारी होती है कि आज इतने मिलियन या बिलियन में Coin Burn हुए। लेकिन वहीं कुछ लोगों को Coin Burn Kya Hai इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं होती तो आइए जानते हैं Coin Burn Kya Hai ?
Coin Burn क्या होता है? (What is Coin Burn In Hindi)
Coin Burn मतलब coins को जलाना नहीं होता। दरअसल Coin burn एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी Crypto Coin या फिर टोकन को किसी ऐसी wallet में भेजा जाता है जिसमें वह coins या token पहुंच तो जाए लेकिन कभी वापस ना आ पाए और हमेशा हमेशा के लिए उस Wallet में लॉक हो जाए।
Coin Burn प्रक्रिया में इन coins को जिस Wallet में भेजा जाता है उस Wallet को Dead wallet कहते हैं। जिसमें पहुंचने के बाद Coins कभी वापस नहीं आ पाती।
Dead wallet में पहुंचे coins हमेशा के लिए उसमें बंद हो जाते हैं। इस Wallet की कोई पासवर्ड या key नहीं होती है मतलब यह पूरी तरीके से waste हो जाती है। इन अकाउंट्स का कोई मालिक नहीं होता है। इन Dead wallet में पहुंचे हुए coins पूरी तरीके से useless हो जाते हैं।
Coin Burn की प्रक्रिया द्दारा टोकन या Coin को circulation से बाहर कर दिया जाता है। Coin burn की इस प्रक्रिया से Coins के कुल सप्लाई को बहुत ही कम कर दिया जाता है। Coin burn करने से Coin के सप्लाई में कमी और प्राइस में बढ़ोत्तरी होती है।
किस तरह के कॉइन या क्रिप्टो टोकन को बर्न किया जा सकता हैं?
किसी coins को burn करने का अधिकार मुख्य रूप से उस Coins के डेवलपर टीम के पास होता है। ज्यादातर crypto currency का Coin Burn किया जा सकता है लेकिन कुछ crypto currency ऐसे भी होते हैं जिन्हें Burn नहीं किया जा सकता।
Coin Burn न होने वाले कुछ महत्वपूर्ण cryptocurrency के नाम बताएं तो इसके अंतर्गत Bitcoin, Etherium शामिल हैं। सिर्फ इन Crypto currency को छोड़कर हर Cryptocurrency में Coin Burn करने की प्रोसेस अपनाई जाती है।
कॉइन बर्न की यह प्रक्रिया लगभग सभी तरह के Coins के लिए उपयोगी साबित होती है। इससे Coins के प्राइस में बढ़ोतरी आती है और निवेशकों को भी अच्छा खासा फायदा होता है।
Coin burn क्यों किया जाता है?
Coin के प्राइस में बढ़ोतरी लाने और सप्लाई को कम करने के लिए Coins को बर्न किया जाता है। Coin Burn करने की प्रक्रिया के बाद सप्लाई में कमी आ जाती है जिससे बाजार में इनकी डिमांड बढ़ जाती है। डिमांड बढ़ने से इन coin का प्राइस बढ़ता जाता है।
Coin Burning की प्रक्रिया बार-बार अपनाने से Coins में जो बार-बार उतार-चढ़ाव होते हैं वह नियंत्रित हो जाते हैं।
याद रखने वाली बात यह है कि हर Crypto currency में Coin Burn करने का फीचर उपलब्ध नहीं होता है। हर Crypto currency में हम Coin Burn करने की प्रक्रिया को अप्लाई नहीं कर सकते हैं। एथेरियम और Bitcoin ऐसे ही Cryptocurrency है जिनमें Coin Burn करने का फीचर नहीं होता है। इनमें सप्लाई को कम करने और मूल्य में बढ़ोतरी करने के लिए कुछ अलग फीचर्स होते हैं।
Bitcoin में हाल्विंग की प्रक्रिया होती है जिससे 4 साल के अंतर में टोटल सप्लाई खुद-ब-खुद आधी हो जाती है। इस प्रकार 4 वर्षों में जितनी भी सप्लाई हुई होगी वह आधी हो जाएगी और मूल्य में बढ़ोतरी आ जाएगी। इस प्रकार अन्य Cryptocurrency में Coin Burn करके, Coins की सप्लाई में कमी की जाती है और इसके मूल्य में बढ़ोतरी आती है तथा डिमांड भी कम नहीं होता। Coin Burn करने का कार्य मुख्य रूप से डेवलपर्स और माइनस का होता है।
Cryptocurrency में Coin Burning का इतिहास क्या है?
Coin burn करने की बात करने पर Binance का नाम आता ही है इसके डेवलपर्स प्रतिवर्ष 3 से 4 बार Coin को burn करते हैं। उन्होंने पिछले कुछ सालों से अब तक कुल मिलाकर 18 बार Coin को बर्न कर दिया है जो कंपनी और उसके निवेश करने वाले निवेशको के लिए काफी अच्छी बात साबित हुवा है।
Binance द्वारा Auto Bnb Burn system बनाया गया है जो Coins को बर्न करने के लिए काफी बेहतरीन साबित हुआ है। Binance ने Coin Burn करने की प्रक्रिया को तब तक continue रखने को कहा है जब तक इनकी टोटल सप्लाई घटकर आधी ना हो जाए।
आज तक की सबसे बड़ी burning शीनु टोकन में हुई है। इसलिए Cryptocurrency में Coin burning के इतिहास में इसका नाम उल्लेखनीय है।
शीबा इनु के लॉन्च होते ही उसका आधा टोकन Vitalik Buterin को भेज दिए गए जो Ethereum के फाउंडर थे। विटालिक में अपनी कुल होल्डिंग का 90% शीबा इनु को Dead Wallet में send कर दिए जिसका मूल्य $6.7 बिलियन के लगभग था। इस प्रकार शीबा इनु में आज तक की सबसे बड़ी कॉइन बर्निंग हुई जो Crypto currency के Coin बर्निंग के इतिहास में उल्लेखनीय है।
Proof of Burn क्या होता है?
Coin Burn के अंतर्गत एक और term शामिल है जिसे Proof of Burn कहते हैं। यह Blockchain Network द्वारा लागू की गई Consensus Mechanism Algorithm है जो सुनिश्चित करते हैं कि ट्रांजैक्शन बिल्कुल सटीक है या नहीं। इसमें वैलिडेट द्वारा Coins या टोकन को burner address या Dead Wallet में भेज दिया जाता है।
इस प्रकार कम संसाधनों को खर्च करके यह प्रक्रिया संपन्न हो जाती है। इस प्रक्रिया को Proof of Burn कहा जाता है। Blockchain के ऊपर Burning Transaction का सारा रिकॉर्ड हमेशा के लिए दर्ज रहेगा। यह सबसे कम खर्चीला प्रोसेस होता है।
Cryptocurrency में Coin Burn करने के उद्देश्य क्या है?
Crypto currency में विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए Coin Burn की जाती है जो कुछ इस प्रकार है:-
- टोकन की कीमत को बढ़ाने के लिए Crypto currency में Coins को बर्न करने के बाद उनके सप्लाई में कमी की जाती है जिससे टोकन या Coin की कीमत बढ़ने लगती है। सप्लाई कम होने से उनके मूल्य में बढ़ोतरी आ जाती है जो काफी फायदेमंद साबित होता है।
- टोकन की stability बनाए रखने के लिए टोकन को बर्न किया जाता है। टोकन की कीमत में कमि या बढ़ोतरी आती है तो कीमत को stable बनाने के लिए टोकन बर्न किया जाता है। इसका एक उदाहरण यह भी है कि USDT टोकन का प्राइस डॉलर के बराबर रखना पड़ता है।
- Coins के correction के लिए जब भी किसी प्रोजेक्ट में कोई गलती हो जाती है तो ऐसे में उस गलती को सुधारने के लिए टोकन या कॉइन को बर्न किया जाता है।
Coin Burn काम कैसे करती है?
Coins की प्राइस में बढ़ोतरी लाने के लिए Coins को burn किया जाता है जिससे लंबे समय के लिए निवेश करने वाले निवेशकों को काफी फायदा होता है। Crypto currency के Developers और Minors द्वारा Coin Burn करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है ।Coin Burn Coins की total circulating supply को कम करके इसके मूल्य को नियंत्रित रखने की कोशिश किया जाता हैं।
इस प्रकार developer द्वारा Coin Burn करने की प्रक्रिया को बार-बार दोहराया जाता है जिससे मूल्यों में बार-बार तेजी देखी जाती है। ऐसा करने से उनके प्रोजेक्ट्स की वैल्यू बनी रहती है और उन्हें मुनाफा होता रहता है।
Coins को किसी dead Wallet में भेज कर उसकी सप्लाई में कमी कर दी जाती है जिसके चलते कंपनी की Consumption और Value दोनों में बढ़ोतरी आती रहती है। Coin Burn का टोटल रिकॉर्ड Blockchain पर रिकॉर्डेड रहता है।
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- Virtual Currency क्या है? – What is Virtual Currency In Hindi
- Digital Currency क्या है? – What is Digital Currency In Hindi
- CBDC क्या है? – What is Central Bank Digital Currency In Hindi
- Cryptocurrency : आसान शब्दों में जाने क्रिप्टोकरेंसी क्या है और कैसे काम करता है?
- Blockchain क्या है? – What is Blockchain Technology In Hindi
- Bitcoin क्या है? – What is Bitcoin In Hindi [पूरी जानकारी]
- बिटकॉइन माइनिंग क्या है? – What is Bitcoin Mining In Hindi
Conclusion
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में में हमने Coin Burn के बारे में बात की और जाना कि कॉइन बर्न क्या है? (What is Coin Burn In Hindi) Coin Burn कैसे काम करता है? और Coin Burn के फायदे और नुकसान क्या है? (Advantages and Disadvantages of Coin Burn In Hindi)
आशा करता हूँ कि आपको Coin Burn Kya Hai? के बारे में सारी जानकारी मिल चुकी होगी।
यदि आपको अभी भी Coin Burn In Hindi से संबंधित कोई भी अब भी प्रश्न है तो वह आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं और यदि आपको ये आर्टिकल पढ़ कर अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जो कि क्रिप्टोकरंसी technology में इंटरेस्ट रखते हैं उन्हें जरूर शेयर करें।
बहुतही सटीक और अचछी जानकारी आपने हमें दी हैं! बर्निंग का वास्तव स्वरूप कैसे होता हैं, यह जानकर बहुत सारी शंकाये दूर हो गयी हैं! आशा करते हैं क्रिप्टोकरंसी से जुडे कुछ नये मुद्दे भी रखें!
ईस महत्त्व पूर्ण जानकारी के लिए धन्यवाद.
Good
I appreciate this, nice elaboration.
Thanks
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Thanks