ICO (Initial Coin Offering) क्या है? ICO कैसे काम करता है?
हेलो फ्रेंड्स, आज के इस आर्टिकल में हम ICO (Initial Coin Offering) के बारे में बात करने वाले है।
तो आइये बिना समय गवाए जानते है कि ICO (Initial Coin Offering) क्या है? (What is ICO In Hindi)
ICO क्या है? (What is ICO In Hindi)
ICO का फुल फॉर्म Initial Coin Offering या Initial Currency offering होता है।
यह एक प्रकार का crowdfunding होता है। ICO के जरिए cryptocurrency स्टार्टअप कंपनी लोगो से पैसे लेती है, जिससे कंपनी को अपना coin निकालने में मदद मिल सके। जब Investor ICO में पैसे निवेश करता है तो इसके बदले में कंपनी उनको token देती है।
यह टोकन आप उसी समय बेच सकते है या कुछ समय इंतजार करे। जब कंपनी की market value बढ़ने लगे तब टोकन को बेचकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते है। यदि आप चाहे तो इस टोकन के जरिए Bitcoin, Ethereum या अन्य दूसरी cryptocurrency भी खरीद सकते है।
ICO का इतिहास (History of ICO In Hindi)
ICO को पहली बार जुलाई, 2013 में मास्टरकोइन (mastercoin) के लिए निकाला गया था और दूसरी बार Ethereum ने 2014 में ICO निकाला, जिसमे लगभग 31,000 BTC का fund मिला। एथेरियम के ICO निवेशको को एक Ethereum मात्र 0.40$ में दिया गया जिसकी कीमत आज लगभग 1700$ है। इससे इन्वेस्टर ने बहुत मुनाफा भी कमाया।
ICO कैसे काम करता है? (How ICO Work In Hindi)
नई कंपनी जब crypto coin लॉन्च करती है बाजार में, तो वो ICO का सहारा लेते है ताकि उनको अपने crypto project के लिए लोगो से पैसे मिल सके।
ICO के लिए सबसे पहले कंपनी एक White Paper निकालती है, जिसमें उस coin की सारी जानकारी लिखी होती है की कंपनी कितने coin लॉन्च करेगी, कंपनी की मार्केटिंग स्ट्रेटजी क्या है, ये सभी बातें paper में होती है। ICO में white paper सबसे अनिवार्य है, इसमें लोगो को कंपनी की जानकारी मिलती है।
ICO में कंपनी अपनी इक्विटी (Equity) नहीं देती है, इसके बदले में आपको टोकन मिलता है। इसमें कंपनी उन लोगो को ही टोकन देती है, जिन्होंने कंपनी में निवेश किए है।
कंपनी द्वारा दी गई इस टोकन को लोग आपस में खरीद या बेच भी सकते है। जिस प्रकार कंपनी अपना IPO निकालती है जिसके बदले लोगो को उस कंपनी का स्टॉक या शेयर मिलता है, जिसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए share को खरीद या बेच सकते है। ठीक उसी प्रकार ICO में भी यही होती है।
टोकन बनाना उतना अधिक कठिन कार्य नहीं होता है। इसके लिए कोडिंग की आवश्यकता नहीं होती है। आप Ethereum Blockchain के ऊपर खुद का टोकन बना सकते है।
ICO के लाभ (Advantages of ICO In Hindi)
- ICO के जरिए कंपनी को लोगो से पैसे लेने के लिए जगह-जगह भटकना नहीं पड़ता है।
- ICO के वक्त कंपनी निवेशकों को कम मूल्य में token देती है। यदि कंपनी सफ़ल होती है तो token की कीमत बढ़ जाता है और निवेशकों को अच्छा मुनाफा भी होता है।
ICO के नुकसान (Disadvantage of ICO In Hindi)
- जिस ICO में आपने पैसे लगाए है अगर वो असफल होती है तो आपके पैसे भी साथ ने डूब जाते है।
- ICO के नाम पर आजकल अनेक धोखाधड़ी के मामले देखने मिलते है जिसमें कंपनी लोगों का पैसा लेकर गायब हो जाती है। इन सभी से बचने के लिए आपको पहले उस ICO की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।
3। ICO में टोकन की कीमत स्थिर नहीं होता है। समय के साथ इसकी कीमत में उतार चढाव होता रहता है, इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता की इसकी कीमत कब क्या होगी।
ICO कितने प्रकार है? (Types of ICO In Hindi)
ICO कुल दो प्रकार होते है –:
- Private ICO
- Public ICO
1) Private ICO
Private ICO में सिर्फ गिने-चुने investor ही निवेश करते है। इसमें कंपनी केवल बड़े-बड़े धनवान निवेशकों से ही पैसे लेती है। इसमें कोई आम लोग निवेश नहीं कर सकते है।
2)Public ICO
इस प्रकार के ICO में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है। इसके लिए कंपनी पहले White paper निकालती है। जिसके बाद कंपनी में लोग पैसे निवेश करते है।
ICO और IPO में अंतर क्या है? (Different Between ICO And IPO In Hindi)
ICO और IPO दोनो की कार्यप्रणाली में काफी अंतर होता है जैसे IPO में कंपनी आपको कुछ हिस्सेदारी देती है लेकिन ICO में ऐसा बिल्कुल नहीं होता है।
- IPO में वह कंपनियां होती जिनका व्यापार बहुत समय से चल रहा है और उन्हें व्यापार को बड़ा करने के लिए पैसों की जरूरत है जिसके लिए वह IPO लेकर आती है। वहीं, ICO में वह कंपनियां होती है जिनका मार्केट में अभी तक प्रोडक्ट लॉन्च भी नहीं हुआ है और लॉन्च करने के लिए लोगों से पैसे इकट्ठा करती है।
- IPO में कंपनी के सभी रिकॉर्ड देख सकते हैं जबकि ICO में ऐसा नहीं है इसमें कंपनी का कोई भी पुराना इतिहास मौजूद नहीं होता है।
- कंपनी को IPO लाने के लिए कई कानूनी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है लेकिन ICO में कोई कानून नहीं आता है इसमें सिर्फ एक white paper की आवश्यकता होती है जिसमें कंपनी के बारे में लिखा होता है।
ICO का भविष्य (Future of ICO In Hindi)
जिस प्रकार इसकी चर्चा चारो ओर है और लोगों में इसके प्रति दिलचस्पी भी है। इसकी लोकप्रियता को देख बहुत लोग इसकी ओर आकर्षित हुए है जिसे देख लगता है कि लोग निवेश करने की काफी इच्छुक है।
हालांकि, इसकी सटीक भविष्यवाणी करना मुश्किल है लेकिन अभी के trend के मुताबिक ICO लोगो के बीच काफी समय तक चलेगा ।
ICO क्यों उपयोग किया जाता है?
जब crypto स्टार्टअप बाजार में प्रोडक्ट लॉन्च करती है तो उसमें पैसे की जरूरत पड़ती है। इसके लिए कंपनी के पास तीन तरीके होते है-
- पहला, कंपनी अपना कुछ प्रतिशत हिस्सा इक्विटी के रूप में देकर निवेशकों से पैसे प्राप्त कर सकती है।
- दूसरा की कंपनी बैंक से लोन ले सकती है लेकिन इसमें कंपनी को बाद में ब्याज भी देना पड़ता है।
- तीसरा और आखिरी तरीका जिसमें कंपनी ICO निकालती है। यह सबसे बेहतर तरीके है लोगो से पैसे लेने के लिए।
जब कोई स्टार्टअप के लिए लोगो के जरिए पैसे जमा करने के लिए ICO यानी प्रारंभिक सिक्का ऑफरिंग भी कहा जाता है। इसके जरिए कंपनी लोगो से fund उठाती है।
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Conclusion
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में में हमने ICO (Initial Coin Offering) के बारे में बात की और जाना कि ICO (Initial Coin Offering) क्या है? (What is ICO In Hindi) ICO कैसे काम करता है? ICO क्यों उपयोग किया जाता है?
आशा करता हूँ कि आपको ICO Kya Hai? के बारे में सारी जानकारी मिल चुकी होगी।
यदि आपको अभी भी What is ICO In Hindi से संबंधित कोई भी अब भी प्रश्न है तो वह आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं और यदि आपको ये आर्टिकल पढ़ कर अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जो कि क्रिप्टोकरंसी technology में इंटरेस्ट रखते हैं उन्हें जरूर शेयर करें।