प्रूफ ऑफ स्टेक (Proof of Stake) क्या है? Proof of Work और Proof of Stake में क्या अंतर है?
यदि आप क्रिप्टोकरेंसी के विषय में रुचि रखते हैं, या फिर क्रिप्टोकरेंसी के अंतर्गत अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं तो आपने प्रूफ ऑफ स्टेक (Proof of Stake) के बारे में जरूर सुना होगा ।
जब Cryptocurrency में लेन देन होता है, तो उस लेन देन को को verify करने के लिए दो Consensus Mechanism का उपयोग होता है: Proof of Work (PoW) और Proof of Stake (PoS).
Proof of Work (PoW) के बारे में हमने अपने पिछले आर्टिकल में बात की थी और आज के इस आर्टिक्ल में हम Proof of Stake (PoS) के बारे में बात करें वाले है
आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि Proof of Work kya hai? यह काम कैसे करता है और प्रूफ ऑफ वर्क (Proof of Work) तथा प्रूफ ऑफ स्टेक (Proof of Stake) में क्या अंतर है?
तो यदि आपने प्रूफ ऑफ वर्क (Proof of Work) वाला आर्टिकल नहीं पढ़ा है तो उसे एक बार जरूर पढ़ ले क्योकि ये दोनों टॉपिक एक दूसरे से सम्बंधित है।
तो चलिए अब बिना समय गवाए सबसे पहले ये जान लेते है कि प्रूफ ऑफ स्टेक (Proof of Stake) क्या है? (What is Proof of Stake In Hindi)
प्रूफ ऑफ स्टेक (Proof of Stake) क्या है? (What is Proof of stake in Hindi)
Proof of Stake (PoS) ब्लॉकचेन नेटवर्क में एक सर्वसम्मति एल्गोरिथ्म है। इस एल्गोरिथ्म का उपयोग लेनदेन की पुष्टि करने के लिए किया जाता है।
Proof of Stake मे क्रिप्टोकोर्रेंसी consensum mechanism का उपयोग होता है जो लेन देन की प्रक्रिया जांच कर blockchain में नया ब्लॉक जोड़ता है।
Proof Of Stake में माइनिंग के लिए अधिक शक्तिशाली कंप्यूटर और अधिक बिजली की जरुरत नहीं होती है। इसमें प्रूफ ऑफ वर्क टेक्नोलॉजी के मुकाबले काफी कम शक्तिशाली कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है, तथा इसमें बहुत ही कम बिजली की आवश्यकता होती है।
बाज़ारो में कई क्रिप्टोकोर्रेंसी कॉइन है जो proof of stake पर कार्य करती है जैसे Cardano (ADA), Cosmos (ATOM), Tezos (XTC) कुछ इसके बेहतरीन उदाहरण है। आजकल Ethereum 2.0 भी PoS में कार्य करता है।
विभिन्न Proof of stake mechanism में blocks को मान्य (validate) करने के लिए अलग अलग तरीके का उपयोग होता है। जैसे ethereum की लेन देन को verify करने के लिए कम से कम 128 validator की सत्यता आवशयकता होती है। उसी के बाद नया ब्लॉक जुड़ सकता है।
Proof of Work और Proof of Stake में क्या अंतर है? (Difference Between Proof of work And Proof of stake In Hindi)
1. जब भी प्रूफ ऑफ वर्क टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है, तो इसके अंतर्गत काफी high-technology वाले कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है, उन कंप्यूटर के लिए काफी ज्यादा मात्रा में बिजली खर्च होती है। एक अनुमान के मुताबिक बिटकॉइन की माइनिंग के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष इतनी बिजली का इस्तेमाल किया जाता है, जितनी बिजली 1 साल में यूएई जैसे बड़े देश में इस्तेमाल की जाती है। इसी के अलावा Proof of stake टेक्नोलॉजी के अंतर्गत काफी कम टेक्नोलॉजी वाले कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है और उनके लिए बिजली की खपत भी कम होती है।
2. जब भी Proof of Work टेक्नोलॉजी के अंतर्गत बड़ी-बड़ी कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है, तो इसमें काफी मात्रा में ऊष्मा पैदा होती है जो पर्यावरण के लिए काफी ज्यादा हानिकारक होती है। जबकि प्रूफ ऑफ स्टेक टेक्नोलॉजी के अंतर्गत ऐसा देखने को नहीं मिलता है।
3. Proof of Work के अंतर्गत माइनर को माइनिंग करने के लिए भी reward दिया जाता है, जबकि Proof of stake टेक्नोलॉजी के अंतर्गत माइनर को सिर्फ लेन देन की फीस मिलती है उसके अलावा कोई भी ब्लॉक रिवॉर्ड नहीं दिया जाता ।
4. Proof of Work से हमारे पर्यावरण को काफी ज्यादा खतरा होता है, इसका इस्तेमाल करने से हमारे पर्यावरण के ऊपर अनेक नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं, जबकि हम यदि Proof of stake का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे पर्यावरण को बहुत ही कम खतरा होता है।
5. यदि कोई हैकर PoW सिस्टम हैक करना चाहता है तो उसके पास उस नेटवर्क का 51% मिंनिंग पावर होना चाहिए। तभी वह इस कार्य में सफल हो पाएगा, लेकिन वही PoS में हैकर के पास नेटवर्क का कम से कम 51% coin stake रखना पड़ेगा जो stake करना लगभग नामुमकिन है क्योकि जब हैकर अधिक मात्रा मे कॉइन खरीदेगा तो coin की कीमत बढ़ेगी और उसे बहुत पैसे खर्च करना पड़ेगा coin को खरीदने के लिए।
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Conclusion
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में में हमने Proof of stake के बारे में बात की और जाना कि Proof of stake क्या है? (What is Proof of stake In Hindi) Proof of Work और Proof of Stake में क्या अंतर है? (Difference Between Proof of work And Proof of stake In Hindi)
आशा करता हूँ कि आपको Proof of Stake Kya Hai? के बारे में सारी जानकारी मिल चुकी होगी।
यदि आपको अभी भी Proof of Stake In Hindi से संबंधित कोई भी अब भी प्रश्न है तो वह आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं और यदि आपको ये आर्टिकल पढ़ कर अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जो कि क्रिप्टोकरंसी technology में इंटरेस्ट रखते हैं उन्हें जरूर शेयर करें।